झाँसी । स्वर्गीय पंडित बृजेंद्र कुमार शर्मा स्मृति न्यास एवं झांसी-ललितपुर के माननीय सांसद अनुराग शर्मा के सौजन्य से 17 एवं 18 नवंबर को लक्ष्मी व्यायाम मंदिर इंटर कॉलेज, झांसी में निःशुल्क दिव्यांग सेवा शिविर का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण आयोजन का उद्देश्य उन दिव्यांगजनों को आवश्यक सहायक उपकरण प्रदान करना था, जिनकी पहचान शिविर में की गई थी। इस शिविर में विशेष सहयोग कल्याणं करोति, मथुरा की टीम द्वारा प्रदान किया गया। विशेषज्ञ डॉक्टरों और तकनीशियनों ने शिविर के दौरान दिव्यांगजनों की जांच की और उनके लिए व्यक्तिगत रूप से उपकरण तैयार किए।
शिविर के समापन के अवसर पर 19 नवंबर को एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें माननीय सांसद अनुराग शर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और दिव्यांगजनों को उपकरण वितरित किए। सांसद अनुराग शर्मा ने अपने संबोधन में कहा, "स्वर्गीय पंडित बृजेंद्र कुमार शर्मा जी की स्मृति में यह शिविर अनेकों वर्षों से आयोजित होता आ रहा है और तब तक जारी रहेगा जब तक कि हर जरूरतमंद दिव्यांगजन को उसकी आवश्यकता का सहारा न मिल जाए।" उन्होंने यह भी बताया कि 1 से 5 वर्ष की उम्र के ऐसे छोटे बच्चे जो सुन और बोल नहीं सकते हैं, उनके लिए कानों की जांच और कोक्लियर इम्प्लांट की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने इच्छुक परिवारों से आग्रह किया कि वे उनके कार्यालय से संपर्क करें और इस सेवा का लाभ उठाएं।
इस अवसर पर श्रीमती अनुराधा शर्मा ने कहा, "हमारा परिवार पिछले 35 वर्षों से समाजसेवा के कार्य में संलग्न है और विशेष रूप से उन दिव्यांगजनों को समाज की मुख्य धारा में शामिल करने का प्रयास कर रहा है, जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है। यह सेवा भविष्य में भी बिना रुके चलती रहेगी।"
श्रीमती नेहा शर्मा ने नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कहा कि यदि कोई बच्चा जन्म के समय रोता नहीं है, तो उसमें किसी प्रकार की समस्या हो सकती है। इसलिए अभिभावकों को तुरंत किसी बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए ताकि समस्या का समय पर निदान हो सके और बच्चे का समुचित उपचार हो सके।
पं. बृजेंद्र कुमार शर्मा स्मृति न्यास के न्यासी और बैद्यनाथ समूह के निर्देशक श्री अतुल शर्मा ने भी अपने विचार साझा करते हुए कहा कि शिविर में कल्याणं करोति की ओर से सेवा प्रदान करने वाले तकनीशियन ऐसे लोग थे, जो स्वयं भी कृत्रिम अंगों का उपयोग कर रहे हैं और एक सामान्य जीवन जी रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस शिविर के माध्यम से 28 लोगों को कैलिपर्स, 22 व्यक्तियों को कृत्रिम पैर, 20 व्यक्तियों को जोड़ी बैसाखी, और 12 वॉकर वितरित किए गए। इसके अतिरिक्त, 59 श्रवण बाधित लोगों को सुनने के यंत्र प्रदान किए गए और 144 लोगों को यूनिक डिसएबिलिटी आईडी (यूआईडी) कार्ड तथा रेलवे कंसेशन फॉर्म की सुविधा दी गई। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार के सेवा कार्यक्रम भविष्य में भी चलते रहेंगे ताकि समाज में दिव्यांगजनों के प्रति सहानुभूति और सहारा देने की भावना बढ़ सके।
इस आयोजन के दौरान, उन नेत्र रोगियों के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है , जो आंखों की जांच नहीं करा सकते थे या अपनी अज्ञानता के कारण उपचार से वंचित रह जाते थे। कल्याणं करोति का सचल नेत्र चिकित्सा वाहन, जो आधुनिक चिकित्सा उपकरणों से लैस है, झांसी और ललितपुर के विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचकर नेत्र रोगियों की जांच करेगा और आवश्यकतानुसार चश्मा व ऑपरेशन की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध कराएगा।
कार्यक्रम के समापन समारोह में विशेष रूप से श्री अनिरुद्ध शर्मा, पं. प्रद्युम्न शर्मा, श्री कार्तिक शर्मा, श्री सुभाष जैन, श्री राजेंद्र अग्रवाल, श्री विनय शर्मा, श्री अतुल अग्रवाल, श्री प्रमोद गुलाटी, सुश्री नीति शास्त्री, मनीष चौबे, बीके जोशी, और सुनील कुमार शर्मा सहित कल्याणं करोति की पूरी टीम मौजूद रही। कार्यक्रम का संचालन निरुपम भार्गव ने किया और अंत में मनीष चौबे ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
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