ओरछा | अस्पताल में विनम्रता और सम्मानजनक व्यवहार हमारी सामाजिक जिम्मेदारी का हिस्सा है। तीमारदारों का हॉस्पिटल के प्रति विनम्र होना चाहिए। अस्पताल में, खासकर बीमार लोगों के साथ, विनम्रता और सम्मानजनक व्यवहार बहुत महत्वपूर्ण है। यह न केवल मरीजों और उनके तीमारदारों को शांत और सहज महसूस कराता है. अक्सर देखने को मिलता की अस्पताल में मरीज के साथ आये तीमरदार आक्रामक रूप अपना लेते है हॉस्पिटल पर गंभीर आरोप लगाकर बबाल खड़ा कर देते है अस्पताल की क्षवि को बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ते. और बाद में तीमरदारो को अपनी गलती का एहसास होता है। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया जहाँ सोमवार को यथार्थ हॉस्पिटल पर हुई मरीज की मौत पर तीमारदारों ने जमकर हंगामा किया । तीमरदारो द्वारा हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया. बताते चले की यथार्थ हॉस्पिटल में 30 मई को एक मरीज को अत्यंत गंभीर हृदय संबंधी समस्या के कारण यथार्थ हॉस्पिटल की इमरजेंसी में लाया गया, जहाँ उन्हें तत्काल उपचार देते हुए आईसीयू में भर्ती किया गया। अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों द्वारा इलाज के दौरान उनके स्वास्थ्य की गंभीर स्थिति के संबंध में समय-समय पर उनके परिजनों को उचित रूप से जानकारी दी गई, और वे हर स्तर पर उपचार प्रक्रिया से अवगत एवं सहमत थे। लेकिन दुर्भाग्यवश 02 जून को रात्रि 11:53 बजे मरीज का कार्डियक अरेस्ट के कारण निधन हो गया। चिकित्सा टीम द्वारा सीपीआर जैसी उन्नत जीवनरक्षक तकनीकों का पूर्ण प्रयास किया गया, परंतु उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। अस्पताल में मरीज के परिजनों द्वारा सीपीआर प्रक्रिया को सही रूप में न समझ पाने के कारण, भ्रामक धारणाएँ उत्पन्न हुईं। इसके चलते अस्पताल के सुरक्षा कर्मियों व मेडिकल स्टाफ से मरीज के तीमरदारो द्वारा अनावश्यक विवाद और हाथापाई कर आईसीयू क्षेत्र में शोरगुल कर खूब हंगामा काटा. तीमरदारो द्वारा हंगामे की सूचना पर अस्पताल पहुंची पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया.
अस्पताल प्रबंधन ने बताया की वर्तमान में सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो आंशिक घटनाक्रम को दर्शाता है, जो अस्पताल की छवि को धूमिल करने का प्रयास है। वीडियो में दिखाए गए सुरक्षा कर्मी ने केवल अपने स्टाफ, मरीजों और उपस्थित परिजनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदारीपूर्वक कार्य किया।
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