झांसी: आज मा0 मंत्री, कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान विभाग, उ0प्र0 श्री सूर्य प्रताप शाही जी के मुख्य आतिथ्य में कृषि उन्नति के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर झांसी एवं चित्रकूट मण्डल की ‘‘संयुक्त खरीफ उत्पादकता गोष्ठी-2025’’ का आयोजन पं0 दीनदयाल उपाध्याय सभागार में किया गया। इस अवसर पर अध्यक्ष गौ सेवा आयोग उ0प्र0 श्री श्याम बिहारी गुप्ता, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री पवन कुमार गौतम, सदस्य विधान परिषद श्रीमती रमा निरंजन, सदस्य विधान परिषद श्री रामतीर्थ सिंघल, पद्मश्री जलपुरुष श्री उमाशंकर पाण्डेय, प्रमुख सचिव कृषि विभाग, उ0प्र0 श्री रवीन्द्र कुमार, कृषि निदेशक उ0प्र0 लखनऊ श्री जितेन्द्र सिंह तोमर, संयुक्त निदेशक उद्यान विभाग उ0प्र0 श्री भानू प्रताप राम एवं प्रबन्ध निदेशक पीसीयू श्रीकान्त गोस्वामी उपस्थित रहे।
गोष्ठी में सर्वप्रथम मुख्य अतिथि सहित अन्य अतिथियों द्वारा पं0 दीनदयाल सभागार परिसर में कृषि कार्य को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न विभागों द्वारा सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं एवं नीतियों पर आधारित 02 दर्जन स्टाॅलों का निरीक्षण किया गया। इसके उपरान्त मंचासीन अतिथियों द्वारा माॅ अन्नपूर्णा जी के चित्र पर दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण कर गोष्ठी का विधिवत शुभारम्भ किया गया। इसके पश्चात अतिथियों का पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया गया।
गोष्ठी में मा0 कृषि मंत्री जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्य नाथ जी के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में अत्यधिक उन्नति हुई है। उन्होने गोष्ठी के महत्व पर प्रकाश डालते हुये कहा कि कृषि गोष्ठी का तात्पर्य कृषि से सम्बन्धित विषयों पर चर्चा करना है। इस प्रकार की गोष्ठियां किसानों को कृषि के नये तरीकों एवं तकनीकों एवं सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिये आयोजित की जाती है। उन्होने कहा कि मा0 प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में किसानों के कल्याण के लिये बीज उपलब्धता हेतु प्रत्येक प्रजाति के बीज के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की गयी है। वर्तमान सरकार ने बुन्देलखण्ड की कृषि के विकास के लिये झांसी में कृषि विश्वविद्यालय अनुसंधान संस्थान की स्थापना की है। बुन्देलखण्ड में आज 13 लाख हेक्टेअर के क्षेत्र में कृषि कार्य किया जा रहा है। हमारी सरकार द्वारा अनुदान पर 8.5 लाख कुन्तल बीज का वितरण किया गया है।
मा0 मंत्री जी ने कहा कि किसान भाई अपने खेतों में फसल उत्पादन हेतु जलवायु एवं आमदनी के अनुरुप फसलों की बुवाई का चयन करें। कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि कृषकों को क्षेत्रीय जलवायु के अनुरुप ही अनुदान पर फसली बीज का वितरण किया जाये, जिससे उन्हें जलवायु की प्रतिकूलता के कारण हानि का सामना न करना पड़े। सरकार द्वारा खेती-बाड़ी के साथ-साथ किसानों को उद्यमी बनाने का कार्य भी किया जा रहा है। आगामी समय में वर्ष-2047 तक भारत देश को विश्व पटल के शिखर पर पहुंचाने हेतु हम सभी दृढ़ संकल्पित है। कृषि उत्पादन में वृद्धि हेतु सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ पाने के लिये सभी अन्नदाता एक जीवित मोबाइल नम्बर का प्रयोग करते हुये उसे विभाग में लिंक करायें, जिससे उन्हें सरकार द्वारा संचालित योजनाओं में जारी अनुदान राशि का लाभ प्राप्त हो सके। इसके साथ ही अन्नदाता अपने खेतों में सरकार द्वारा अनुदान पर दिये गये उन्नत बीज का ही प्रयोग करें, जिससे उनकी फसलें स्वस्थ रहें और आय में निरंतर वृद्धि हो सके। मा0 मंत्री जी ने अन्नदाताओं का आव्हान करते हुये कहा कि हमारा संकल्प अन्नदाताओं को सुखी एवं समृद्ध बनाना है।
गोष्ठी में प्रमुख सचिव कृषि विभाग उ0प्र0 शासन श्री रवीन्द्र कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि हमें अपनी फसलों के उत्पादन क्षमता में वृद्धि हेतु खेतों एवं उनके आस-पास भूमिगत जल के साथ-साथ प्राकृतिक जल का भी संरक्षण करना चाहिए। उन्होने कहा कि प्राकृतिक जल स्रोत में वृद्धि के लिये सरकार द्वारा मनरेगा में अनेक योजनायें संचालित की जा रही है, जिससे तालाबों की खुदाई कर भूमिगत जल स्रोतों की संख्या में वृद्धि लायी जा सके। हमें जल के सदुपयोग पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होने कहा कि किसान भाई अन्ना पशुओं से अपनी फसल की सुरक्षा हेतु आपसी समन्वय एवं भाईचारे के साथ अपने खेतों में तार फेसिंग का कार्य करायें, जिससे अधिक तार फेसिंग में धन का अपव्यय न हो।
इस अवसर पर अध्यक्ष गो-सेवा आयोग, उ0प्र0 श्री श्याम बिहारी गुप्ता ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज की इस गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य खरीफ की फसलों में वृद्धि हेतु किसानों की खाद, बीज एवं पानी की समस्या का निराकरण करना है। गोष्ठी में उन्होने उपस्थित अन्नदाताओं को गो-आधारित कृषि उत्पादन की जानकारी दी। उन्होने कहा कि किसान भाई अपने खेत में गाय के गोबर एवं गोमूत्र की 25 प्रतिशत मात्रा का प्रयोग कर अपनी फसल में अत्यधिक वृद्धि करते हुये आय में वृद्धि कर सकते है। मा0 मुख्यमंत्री जी के सत्ता में आने के पश्चात हमारे राज्य के किसान भाई खेत पर अपने आपको सुरक्षित एवं खुशहाल महसूस कर रहे है। उन्होने गोष्ठी में उपस्थित किसानों बहुफसली गो-आधारित कृषि हेतु प्रोत्साहित भी किया।
गोष्ठी में पद्मश्री जलपुरुष श्री उमाशंकर पाण्डेय ने जल संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुये कहा कि मनुष्य के जीवन में जन्म से लेकर मृत्यु तक जल की विशेष उपयोगिता है, इसलिये हमें जल के संरक्षण पर विशेष ध्यान देना चाहिए, इससे भूमिगत जलस्तर में वृद्धि होती है, साथ ही जल की गुणवत्ता में भी सुधार होता है और जल की बढ़ती मांग को पूरा करने में सहायता मिलती है। यह पर्यावरण संतुलन बनाये रखने में मदद करने के साथ कृषि के सिंचाई क्षेत्र को बढ़ाने का कार्य करता है।
गोष्ठी में मण्डलायुक्त झांसी श्री बिमल कुमार दुबे ने अपने सम्बोधन में झांसी मण्डल के कृषकों के विकास के लिये किये जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुये कहा कि सिंचाई व्यवस्था के अन्तर्गत लगभग 1439 सम्भागों को भरने का कार्य किया जा रहा है, जिसमें से अब तक 419 तालाबों को भरने का कार्य किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त हमारे द्वारा झांसी मण्डल में अब तक कुल 14 हजार 22 तालाबों को खोदा गया है, जिसके अन्तर्गत कुल 22 हजार 435 हेक्टेअर भूमि में अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन करने का कार्य किया गया है। इसके अतिरिक्त सोलर पम्प योजना के तहत 6667 विभिन्न क्षमताओं के सोलर पम्पों को लगाया गया जिसके अन्तर्गत 19324 हेक्टेअर अतिरिक्त भूमि के सिंचन क्षमता की व्यवस्था की गयी है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के अन्तर्गत इस मण्डल के लगभग 08 लाख 08 हजार 245 कृषकों को 2261.94 करोड़ की धनराशि वितरित की जा चुकी है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में खरीफ-2024 के अन्तर्गत 03 लाख 25 हजार 273 कृषकों को लाभान्वित किया गया है। खरीफ-2025 में कृषि विभाग द्वारा जो भी लक्ष्य निर्धारित किये गये है, उन लक्ष्यों की शत-प्रतिशत प्राप्ति हेतु पूर्ण प्रयास किये जा रहे है।
गोष्ठी में मण्डलायुक्त चित्रकूटधाम श्री अजीत कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि चित्रकूट मण्डल के 04 जिले है, जिनका कुल क्षेत्रफल लगभग 14 लाख हेक्टेअर है, जिसमें से लगभग 10 लाख हेक्टेअर के क्षेत्र में किसानों द्वारा कृषि कार्य किया जा रहा है। इन कृषकों की फसल उत्पादन क्षमता एवं आय में वृद्धि हेतु मण्डलीय प्रशासन द्वारा नये-नये प्रयास किये जा रहे है। वर्तमान में हमारे द्वारा चित्रकूट मण्डल में महिला किसानों को कृषि कार्य के अन्तर्गत कम्पोजिट खाद के माध्यम से सशक्त बनाने का भी कार्य किया जा रहा है, इससे कम्पोजिट खाद के उत्पादन में वृद्धि के साथ ही किसानों की आय में भी बढ़ोतरी हो सकेगी। इसके साथ ही बुन्देलखण्ड में बकरी पालन के माध्यम से भी विभिन्न उत्पादों को तैयार करने का कार्य किया जा रहा है।
इस अवसर पर कुलपति, रानी लक्ष्मीबाई कृषि विश्वविद्यालय एवं अनुसंधान संस्थान झांसी डाॅ0 अशोक कुमार सिंह ने बताया कि बुन्देलखण्ड में मूंगफली एवं मूंग की फसल के विकास की अत्यधिक सम्भावनायें विद्यमान है। उन्होने कहा कि यदि इन फसलों के बीजों की प्रजातियों में परिवर्तन किया जाये तो इन फसलों के उत्पादन में लगभग 1.5 गुना वृद्धि देखने को मिल सकती है। कृषि विश्वविद्यालय में मूंग एवं मूंगफली की फसल में वृद्धि हेतु निरंतर नये-नये प्रयोग किये जा रहे है। उत्तर प्रदेश में खरीफ, रबी एवं जायद की फसल के विकास की अनेक सम्भावनायें है। इसी प्रकार बुन्देलखण्ड में मोटे अनाज की फसलों (सामा, कोदो एवं मडवा) में वृद्धि के लिये भी हमारे वैज्ञानिकों द्वारा नये-नये प्रयोग किये जा रहे है। इसी प्रकार जैविक उत्पादों में वृद्धि के लिये भी हमारे विश्वविद्यालय की तकनीकी लैब में प्रयोग किये जा रहे है, जिससे हमारे किसान भाईयों को लाभ हो सके।
गोष्ठी की रुपरेखा को प्रस्तुत करते हुये कृषि निदेशक, उ0प्र0 लखनऊ श्री जितेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि आज की इस गोष्ठी का उद्देश्य खरीफ फसलों के उत्पादन क्षमता में वृद्धि हेतु तकनीकी कृषि वैज्ञानिकों की उपस्थिति में किसान भाईयो के साथ विचार-विमर्श करना है। उन्होने कहा कि खरीफ की फसल के उत्पादन में वृद्धि लाने में हमारे कृषि वैज्ञानिकोें का विशेष योगदान रहता है। मा0 मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में कृषि विभाग द्वारा किसानों की उन्नति के लिये निरंतर नये-नये प्रयास किये जा रहे है।
गोष्ठी को सम्बोधित करते हुये संयुक्त निदेशक उद्यान विभाग, उ0प्र0 डाॅ0 भानू प्रताप राम ने कहा कि उद्यान विभाग के अन्तर्गत संचालित योजनाओं के तहत किसान भाईयों को फलदार फसलों के उत्पादन हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होने खरीफ की फसलों में वृद्धि के लिये किसानों को आवश्यक जानकारियों के साथ ही विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार की फसलों में लघु उद्यमियों को दी जाने वाली अनुदान राशि की भी जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर प्रबन्ध निदेशक, पीसीयू श्री श्रीकान्त गोस्वामी ने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि सहकारिता विभाग के अन्तर्गत कृषि उत्पादन हेतु हमारे विभाग में 60 प्रतिशत फर्टीलाईजर्स की उपलब्धता है। झांसी एवं चित्रकूट मण्डल में सहकारिता विभाग के कार्य संचालन हेतु बनायी गयी दोनांे समितियां सक्रियता के साथ कार्य कर रही है। उन्होने कहा कि सहकारिता विभाग के तहत गेहूं खरीद की अच्छी वृद्धि दर्ज की गयी है एवं खरीद के सापेक्ष किसानों को अबतक 90 प्रतिशत भुगतान पूर्ण किया जा चुका है।
गोष्ठी में किसान यूनियन प्रतिनिधि श्री बलराम तिवारी द्वारा किसानों के कल्याण के लिये किये जा रहे प्रयासों पर अपने विचार साझा किये। इसके साथ ही कृषक गोपीचन्द द्वारा गो-आधारित प्राकृतिक खेती, बांदा से मो0 असलम खान द्वारा समेकित कृषि प्रणाली, महोबा के राजेश कुमार चैबे द्वारा प्याज की खेती चित्रकूट से राजबली द्वारा कीटनाशक दवाओं, विद्युत संयोजन एवं उन्नत बीज की उपलब्धता, झांसी से महेन्द्र शर्मा द्वारा पानी, बिजली एवं सड़क की उपलब्धता तथा ललितपुर से सुरेश टोंटे द्वारा मोटे अनाज की प्रगति पर अपने विचार एवं सुझाव प्रकट किये।
गोष्ठी में मा0 कृषि मंत्री जी सहित मंचासीन अतिथियों द्वारा कृषि क्षेत्र में तकनीकी प्रयोगों के साथ उत्कृष्ट कृषि कार्य करने वाले कृषक भगवत नारायन को ट्रेक्टर की चाबी, श्रीमती कुसुमारानी को किसान ड्रोन रिमोर्ट, स्माॅल गोदाम के लिये राहुल पटेल को अंगवस्त्र भेंट तथा संजय पहारिया एवं आस्था गुप्ता को प्राकृतिक कृषि प्रोत्साहन हेतु सम्मानित किया गया।
गोष्ठी के अन्त में मंचासीन अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। खरीफ उत्पादन गोष्ठी-2025 का सफल संचालन समाजसेवी एवं शिक्षाविद् डाॅ0 नीति शास्त्री द्वारा किया गया।
गोष्ठी के उपरान्त मा0 कृषि मंत्री जी सहित अन्य अतिथियों द्वारा जनपद झांसी के विकास खण्ड बबीना स्थित ग्राम पलींदा में भारतीय चारागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान झांसी द्वारा संचालित फार्मर फस्र्ट परियोजना के अन्तर्गत जैनिक सब्जी, शंकर नैपियर घास व केंचुआ खाद उत्पादन एवं विपणन केन्द्र तथा कृषि विभाग द्वारा संचालित बुन्देलखण्ड गौ-आधारित प्राकृतिक खेती योजनान्तर्गत क्लस्टर प्रदर्शन का निरीक्षण किया।
गोष्ठी के दौरान मण्डलायुक्त झांसी श्री बिमल कुमार दुबे, मण्डलायुक्त चित्रकूटधाम श्री अजीत कुमार, मुख्य विकास अधिकारी झांसी श्री जुनैद अहमद, अपर जिलाधिकारी प्रशासन श्री अरुण कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व श्री वरुण कुमार पाण्डेय, संयुक्त कृषि निदेशक झांसी मण्डल डाॅ0 एल0बी0 यादव, कृषि उप निदेशक (कृषि रक्षा) डाॅ0 बिपिन बिहारी, उप निदेशक उद्यान विभाग झांसी श्री विनय कुमार यादव, उप कृषि निदेशक झांसी श्री एम0पी0 सिंह, जिला कृषि अधिकारी श्री कुलदीप मिश्रा सहित झांसी मण्डल एवं चित्रकूटधाम मण्डल के सभी जनपदों के अपर जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, उप कृषि निदेशक, कृषि वैज्ञानिक, उद्यान, सिंचाई विभाग के अधिकारीगण एवं दोनों मण्डलों के बड़ी संख्या में उन्नतिशील कृषक उपस्थित रहे।
No comments:
Post a Comment
Comments