झाँसी। लॉकडाउन के बाद स्वास्थ्य सेवाओं को समुचित तरीके से शुरू करने की कड़ी में बेहतर किशोरा स्वास्थ्य पर चर्चाओं का कार्यक्रम भी शुरू कर दिया गया है। इसकी शुरुआत आज जिला महिला अस्पताल के साथिया क्लीनिक पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ॰ शाहिदा परवीन की अध्यक्षता में किया गया। साथिया क्लीनिक की काउन्सलर हेमलता ने बताया कि माह वार थीम के अनुसार किशोरी जागरूकता के लिए कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जनवरी माह का विषय किशोरावस्था के शारीरिक परिवर्तन/बदलाव रखा है। इसके अंतर्गत किशोरियों में होने वाले शारीरिक, भावनात्मक और सामाजिक परिवर्तन के बारें में किशोरियों को जागरूक किया जा रहा है। साथिया क्लीनिक पर आयोजित इस कार्यक्रम में किशोरियों की समस्याओं को सुना गया और उनके भावनात्मक समस्याओं पर चर्चा हुई। शारीरिक परिवर्तन पर चर्चा करते हुये किशोरी काजल ने बताया कि किशोरावस्था में जो सबसे बड़ा बदलाव होता है वह माहवारी की प्रक्रिया का शुरू होना होता है। इसके प्रति सभी को जागरूक होना चाहिए, चाहे वह लड़का हो या लड़की। वही किशोरी शालू कोष्टा ने माहवारी के समय होने वाली समस्याओं के बारें में बताया, उसने कहा कि माहवारी के समय सभी को अलग अलग प्रकार की समस्या होती है। इसका निराकरण के लिए वह साथिया क्लीनिक आ सकती है। वही किशोरी रोशनी ने बताया कि वह काफी समय से साथिया क्लीनिक आ रही है और जो बात वह अपने परिवार में नहीं रख सकती वो काउन्सलर मेम के सामने रख देती है।
यह क्लीनिक राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत संचालित है।
आरबीएसके के डीईआईसी मैनेजर डॉ॰ राम बाबू ने किशोरियों में होने वाली खून की समस्या के बारें में बताया और उन्हे आयरन सप्लिमेंट खाने के लिए प्रोत्साहित किया। क्लीनिक पर किशोरियों को आयरन की दवाई के साथ सैनीटरी पैड का वितरण किया गया।
सांप-सीढ़ी खेल के माध्यम से कोविड-19 के प्रति किया गया जागरूक
कोविड-19 के प्रोटोकॉल के प्रति जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग और सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था ने साथ मिलकर उपस्थित किशोरियों को लोकप्रिय खेल सांप-सीढ़ी के द्वारा कोरोना के प्रति जागरूक करने, मास्क की उपयोगिता, शारीरिक दूरी और हाथों को बार-बार धोने के महत्व के बारें में बताया। प्रतियोगिता में चार किशोरियों को सम्मिलित कर उनके साथ यह खेल खेला गया और उपस्थित किशोरियों से खेल में लिखे संदेशों को पढ़ाया गया। खेल के अंत में दो किशोरियों को विजयी घोषित किया गया इस मौके डॉ॰ सविता दुबे, मणिकर्णिका ग्रुप से स्वप्निल मोदी, ऊषा सिंह व फर्मिसिस्ट कल्पना सचान के साथ सीफार संस्था की प्रतिनिधि सोनम राठौर मौजूद रही।
इस तरह से हुआ यह अनूठा खेल-
इस अनूठे प्रयोग में सांप-सीढ़ी खेल के नियमों का यथावत रखा गया लेकिन सांप के काटने और सीढ़ी मिलने वाले स्थानों पर कोविड-19 जागरूकता से जुड़़े संदेश डालकर इसे रोचक बनाया गया है। इस रोचक खेल के माध्यम से किशोरियों को बताया गया कि कोविड प्रोटोकाल की अनदेखी पर उन्हें किस तरह से सांप ने काटा, और सांप काटने का मतलब है कि संबंधित व्यक्ति घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग नहीं कर रहा था। इसी तरह बार-बार हाथों को न धुलने, शारीरिक दूरी का ख्याल न रखने और अनावश्यक घर से बाहर निकलने पर भी सांप काटता रहा। खेल के दौरान जागरूक रहने वाले खिलाड़ियों जैसे कि मास्क को न सिर्फ लगाने बल्कि सही तरीके से लगाने, अपने हाथों को बार-बार सेनिटाइज करने अथवा साबुन और पानी से अच्छी तरह से धुलने और भीड़भाड़ वाली जगहों पर शारीरिक दूरी का ख्याल रखने वाले प्रतिभागियों को जल्दी-जल्दी सीढ़ी मिलती गई और वह आसानी से अपने लक्ष्य तक पहुंच कर जीत दर्ज करने में सफल रहे।
रिपोर्ट- यशपाल सिंह परमार, झाँसी मण्डल ब्यूरो चीफ
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